अररिया जोगबनी। नगर परिषद क्षेत्र में चल रहा नाला निर्माण कार्य भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। इस परियोजना में न केवल सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है, बल्कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता के साथ भी बड़ा खिलवाड़ हो रहा है।
लाल बालू की जगह सफेद बालू का उपयोग
मामले की गंभीरता तब बढ़ गई जब निर्माण स्थल कार्य से संबंधित बोर्ड नहीं है और सफेद बालू का धड़ल्ले से उपयोग देखा गया।
निर्माण कार्यों के जानकार बताते हैं कि नाले जैसे महत्वपूर्ण ढांचे के लिए, जिस पर पानी का निरंतर दबाव रहता है, सफेद बालू का उपयोग तकनीकी रूप से गलत है। यह बालू सीमेंट के साथ सही पकड़ नहीं बना पाती, जिससे निर्माण में मजबूती नहीं आती और कुछ ही समय में दरारें पड़ने लगती हैं।
जानकारों की राय : सरकारी धन की खुली लूट - क्षेत्र के अनुभवी लोग और निर्माण कार्यों की समझ रखने वाले जानकार बताते हैं कि नाला निर्माण में जिस अनुपात में सामग्री का उपयोग होना चाहिए, ठेकेदार द्वारा उसे पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है। कम गुणवत्ता वाले सीमेंट और सफेद बालू के इस मेल से नाले की उम्र बहुत कम होगी। यह सीधे तौर पर सरकारी फंड का दुरुपयोग और जनता के साथ धोखा है।
अधिकारियों का मौन बढ़ा रहा है संदेह
इतनी बड़ी गड़बड़ी के बावजूद, विभाग के कनीय अभियंता (JE) या अन्य जिम्मेदार अधिकारी मौके से नदारद हैं।
जानकारों का कहना है कि अधिकारियों की यह चुप्पी बिना मिलीभगत के संभव नहीं है। मुख्य मार्ग पर हो रहे इस घटिया निर्माण पर किसी भी अधिकारी का संज्ञान न लेना उनकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
मौके पर उपस्थित मुंशी ने बताया कि रेलवे का काम है ये और इस्टीमेट के अनुकूल काम हो रहा है।
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